प्रधानमंत्री जी देश में अवैध रूप से लगे उद्योग प्रदूषित पानी जमीन में डाल रहे है।पीएम मोदी ने सही कहा जलवायु परिवर्तन के मामलें में बात नही काम करना होगा।

अमेरिका में होने वाली सयुंक्त राष्ट्र महासभा की 74वी बैठक पूर्व जलवायु परिवर्तन से निपाटने के लिए हुई कार्यक्रम में पीएम मोदी के संबोधन से पहले 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सवालों और चिंताओं से दुनियाभर के नेताओं को झकझोर दिया। ग्रेटा ने युवा पीढ़ी की आवाज को दुनिया के सामने रखते हुए कहा, हमें समझ आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आपने हमें छला है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी। आंखों में आंसू लिए गुस्से में नजर आ रही ग्रेटा ने कहा कि आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना। मैं अभी भी भाग्यशाली हूं, लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं। पूरा पर्यावरण सिस्टम बर्बाद हो रहा है। ग्रेटा ने नेताओं पर कुछ न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने हमें असफल कर दिया। और जलवायु परिवर्तन पर कार्यक्रम के दौरान यहा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पहंचे। 15 मिनट के लिए बिना किसी तय कार्यक्रम के यहां पहुंचे ट्रंप ने पीएम मोदी का पर्यावरण संरक्षण पर 15 मिनट भाषण सुना और तालियां बजाते दिखे। इसके बाद उन्होंने जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल का भाषण भी सुना और फिर सभागार से निकल गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समबोधन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक आंदोलन का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि बातों का समय बीत चुका, अब दुनिया को काम करके दिखाना होगा। हमें स्वीकार करना होगा कि इस चुनौती से निपटने को हमारे अभियान काफी नहीं हैं। जरूरत है एक समावेशी प्रयास की। शैक्षणिक मान्यताओं, जीवनशैली, विकास की अवधारणा बदलने पर काम करना होगा।हाउडी मोदी के बाद बीते सोमवार को संयुक्त राष्ट्र क्लाइमेट एक्शन समिट में मोदी ने कहा, प्रकृति का सम्मानसंरक्षण हमारी परंपरा और नीति रही है। लालच नहीं जरूरतें पूरी करना हमारा सिद्धांत रहा है। इसलिए भारत इस पर सिर्फ बात करने नहीं, बल्कि व्यावहारिक सोच के साथ आया है। थोड़ी सी कोशिश. बार-बार भाषण देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। भारत पेरिस समझौते का लक्ष्य पाने को प्रयासरत है।
पीएम मोदी साहब ने बड़े ही सुन्दर और प्रभावशाली शब्दो में अपनी बात रखी और उसके मध्यम से ग्रेटा धनबर्ग को भी अहसांस कराया की इस सन्दर्भ में सब मिलकर काम करेगें।मगर पीएम साहब यह समस्या अपने देश में भी अत्यंत विकराल है क्योकि उद्योगो को बढ़ावा देने के नाम पर कई जिलो में अब विकसित क्षेत्रों में अवैध रूप से इमारते खड़ी कर लगाये गये उद्योगांे का प्रदूषित पानी जमीन में पाइप डाले के उसके मध्यम से डाला जा रहा है जो धरती के आचंल में समाकर साफ पानी को भी प्रदूषित करने के अतिरिक्त नागरिको को नई नई बीमारिया भेंट स्वरूप दे रहा है कहना का मतलब यह है की सुनियोजित विकास तथा उद्योग विभाग व सफाई से संबध अधिकारियो की लापरवाही के चलते जो पानी प्रदूषित हो रहा है वो कभी भी बड़ी जानलेवा परेशानी बनकर उभर सकता है इसलिए जलवायु परिवर्तन के साथ साथ इस और भी ध्यान दिया जाना चाहिए।


 


– रवि कुमार बिश्नोई
संस्थापक – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय समाज सेवी संगठन आरकेबी फांउडेशन
सम्पादक दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
आनलाईन न्यूज चैनल ताजाखबर.काॅम, मेरठरिपोर्ट.काॅम


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