अमित शाह साहब! एक कार्ड में पासपोर्ट आधार व ड्राइविंग लाइसेंस हसीन सपनें मत दिखाइए

डिजीटल जनगणना महा रजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय के नए भवन की आधारशिला रखने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस की जगह भविष्य मेें सिर्फ एक कार्ड ही रखा जा सकता है। कई कार्ड लेकर चलने और उनके नंबर याद रखने से आजादी मिलेगी। इस संदर्भ में अपनी अनेको उपलब्धियां गिनाते हुए श्री अमित शाह साहब ने कहा कि जनगणना से डिजीटल युग में प्रवेश होगा। एक अक्टूबर 2020 से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में तथा एक मार्च 2021 से शेष भारत में डिजीटल जनगणना की व्यवस्था होगी।
अमित शाह साहब आपकी सोच तो अच्छी और जनहित की हो सकती है लेकिन डिजीटल व्यवस्था अभी तक देश में शायद सही नहीं है। जिन कार्याें में इस व्यवस्था का उपयोग हो रहा है उनसे संबंधित नागरिक आए दिन परेशान होते नजर आते हैं। इसके उदाहरण के रूप में बैंकों में होने वाले सर्वर डाउन से भुगतान और रूपया जमा करने में आने वाली परेशानी तथा आधार कार्ड बनवाने में हो रही समस्याएं ऐसे अन्य कार्य जो आधुनिक तकनीकी से होने शुरू हुए हैं उनको लेकर नागरिक अभी पूरी तरह परेशान रहते हैं। आपसे अनुरोध हैं कि पहले डिजीटल व्यवस्था पूर्ण रूप से मजबूत कराइए। उसके बाद एक कार्ड में पासपोर्ट आधार व ड्राइविंग लाइसेंस आदि को लागू किया जाए तो अच्छा है। इससे पहले किसी भी प्रकार से देशवासियों को हसीन सपने दिखाना उचित नहीं है क्योंकि जब यह टूटते हैं तो बड़ा कष्ट होता है। फिलहाल तो जनता से संबंध ज्यादातर डिजीटल कार्याें में परेशानी ही आ रही है। और कई जगह तो अधिकारी भी इसका लाभ उठाकर परेशान करने का प्रयास करते हैं। आपसे अनुरोध हैं कि पहले हर काम सिस्टमेटिक हो फिर यह व्यवस्था लागू की जाए तो वह जनहित की होगी।


 


– रवि कुमार बिश्नोई
संस्थापक – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय समाज सेवी संगठन आरकेबी फांउडेशन
सम्पादक दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
आनलाईन न्यूज चैनल ताजाखबर.काॅम, मेरठरिपोर्ट.काॅम


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